इसराइल और फिलिस्तीन विवाद
इसराइल और फिलिस्तीन क्या है विवाद
पिछले कुछ दिनों से लगातार इसराइल और फिलिस्तीन दोनो देश news headlines मे बने हुए है, इसे हम आसान भाषा में आपको समझाने का प्रयास करेंगे
इसराइल और फिलिस्तीन दोनो ही एशिया महाद्वीप में पड़ोसी देश है इसराइल यहूदी धर्म को मानने वाला देश है और फिलिस्तीन मुस्लिम देश है इस दोनो देशों के मध्य विवाद तब चर्चा में आया जब यरूसल जो की इसराइल की राजधानी है, वहा से फिलिस्तीन परिवारों को निकालने की धमकी मिली जिसे यहूदी अपना बताते है और वहा बसना चाहते है इनको लेकर अरब आबादी वाले इलाकों और येरूसलम की अल अक्सा मस्जिद के पास प्रदर्शनकारी और पोलिश के बीच झड़प हो गई, हम आपको बता दे की अल अक्सा मस्जिद मक्का मदीना के बाद तीसरे नम्बर की मस्जिद है जो मुसलमानों की पवित्र स्थल में सुमार है, इसके बाद तनाव बढ़ता गया और और 10 मई को दोनो के बीच संघर्ष छिड़ गया|
दोनो देशों के मध्य उठाए गए कदम -
कुछ दिनों पहले गाजा की तरफ से हमास ने राकेट से हमला किया तो एक बात साफ थी की इसराइल भी जवाबी कार्यवाही करेगा और इसराइल ने ऐसा ही किया उन्होंने अपने निशाने पर गाजा पट्टी के बड़े बड़े इमारतों को लिया जिसमे कई न्यूज चैनल की बिल्डिंग भी भूमि में समा गए|
नुकसान-
इस युद्ध में दोनो ही देशों को युद्ध का सामना करना पड़ा लेकिन इसमें ज्यादा नुकसान फिलीस्तीन को सहना पड़ा क्योंकि उसके पास सुरक्षा कवच के रूप में इजराइल जैसा एयरडिफेंस सिस्टम का अभाव था, इस युद्ध में लाखो लोगो की मृत्यु हो गई जिसका युद्ध से कोई लेना देना नही था।
युद्ध विराम-
दोनो देशों के मध्य युद्ध की आग चरम सीमा तक पहुंच चुकी थी जिसे कुछ वैज्ञानिक तृतीय विश्व युद्ध के बदलाव के रूप में देख रहे थे लेकिन अंत में मिस्र ने आकर यह भागीदारी पूरी की और दोनो देशों के मध्य सीजफायर कर युद्ध विराम कराया जिसे दोनो देशों ने अपना - अपना जीत बताया|
बदलाव-
युद्ध विराम होने के बाद इसराइल में बड़ा फेर बदल देखने को मिला वहा के विपक्षी पार्टियों ने आपस में मिलकर बेजामिन नेतिन्याहु की पारी पर विराम लगा दी और स्वयं की पार्टी की प्रधान मंत्री नफताली बेनेट को बनाया जो की वर्तमान प्रधानमंत्री के पद पर रहेंगे |
फिर चर्चा में -
इसराइल ने फिलिस्तीन पर यह आरोप लगाया है की फिलिस्तीन गुब्बारों के द्वारा इसराइल में हमले करा रहा है जिससे एक बार फिर इसराइल ने फिलिस्तीन पर हमला कर दिया है जिससे दोनो देशों के मध्य युद्ध जैसे हालात पुन: आरंभ हो चुका है|
भारत का पक्ष-
भारत एक शांति प्रिय राष्ट्र है उन्होंने अपने साफ शब्द में यह कह दिया है की युद्ध से किसी का भला नहीं हो सकता हम इस युद्ध की घोर निन्दा करते है|






Aapki post bahut acchi hai jo ki hamare liye upyogi sabit hogi
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